सृष्टि का परिवर्तन क्रम !! Change order of creation !!
सृष्टि का परिवर्तन क्रम !! Change order of creation !! सृष्टि का परिवर्तन अनादिकाल से चला आ रहा है, वह कभी रुकता नहीं है। इसमें परिवर्तन किस प्रकार से होता है? 1. भरत-ऐरावत क्षेत्र में सृष्टि का क्या क्रम चलता है? भरत एवं ऐरावत क्षेत्र के आर्यखण्डों में अवसर्पिणी एवं उत्सर्पिणी काल के दो विभाग
क्या अंडे सचमुच शाकाहार हैं? !! Are eggs really vegetarian?
क्या अंडे सचमुच शाकाहार हैं? !! Are eggs really vegetarian? मैंने हाल ही में समाचार पत्रों में इरोड, तमिलनाडु में एक कम्पनी के संबंध में पढ़ा था, जो सौ प्रतिशत शाकाहारी अंडों का उत्पादन करने वाली है। उस लेख का शीर्षक था ‘अब अंडे शाकाहारी होंगे! वे लोग, जो पहले माँसाहारी थे और अब शाकाहारी
विभिन्न धर्मो द्वारा मांसाहार का निषेध !! Prohibition of non-vegetarian food by various religions.
विभिन्न धर्मो द्वारा मांसाहार का निषेध विश्व के सभी धर्म शास्त्रों व महापुरुषों ने हर प्राणी मात्र में उस परम पिता परमात्मा की झलक देखने को कहा है व अहिंसा को परम धर्म माना है । अधिकांश धर्मो ने तो विस्तार पूर्वक मांसाहार के दोष बताए है और उसे आयु क्षीण करने वाला व पतन
हाथी गुम्फा, अभिलेख में निहित सांस्कृतिक तत्व !! Hathi Gumpha, cultural elements contained in the inscription.
हाथी गुम्फा, अभिलेख में निहित सांस्कृतिक तत्व (सारांश) उड़ीसा की वर्तमान राजधानी भुवनेश्वर के समीप खण्डगिरि उदयगिरि तीर्थ से दक्षिण की ओर स्थित एक गुफा में उत्कीर्ण १७ पंक्तियों का यह शिलालेख भारत के प्राचीन शिलालेखों में से एक है। भारतीय इतिहास, काल निर्धारण एवं ईसा पूर्व की घटनाओं के विश्लेषण की दृष्टि से इसका
गुप्तकालीन जैन मूर्तिकला !! Guptakalin Jain Murtikala.
गुप्तकालीन जैन मूर्तिकला —अभिषेक जैन [ शोध छात्र, कुंदकुंद ज्ञानपीठ- इंदौर ] सारांश ४ थी—६ठी श. ई. के मध्य भारत में राज करने वाले गुप्तवंशी शासक मूलत: ब्राह्मण थे किन्तु धार्मिक दृष्टि से सहिष्णु थे। उनके शासन के पूर्व से ही उनके राज्य क्षेत्र में जैनधर्म समुन्नत था फलत: उनके राज्यकाल में भी वह संवद्र्धित होता
विश्व के कोने कोने में विराजमान है जैनधर्म !! Jainism is sitting in every corner of the world !!
विश्व के कोने कोने में विराजमान है जैनधर्म !! Jainism is sitting in every corner of the world !! अमरीका, फिनलैण्ड, सोवियत गणराज्य, चीन एवं मंगोलिया, तिब्बत, जापान, ईरान, तुर्किस्तान, इटली, एबीसिनिया, इथोपिया, अफगानिस्तान, नेपाल, पाकिस्तान आदि विभिन्न देशों में किसी न किसी रूप में वर्तमानकाल में जैनधर्म के सिद्धान्तों का पालन देखा जा सकता
व्रती सेनापति आबू की देशभक्ति !! Vratee Senaapati Aaboo kee Deshabhakti.
व्रती सेनापति आबू की देशभक्ति क्षत्रिय वृत्ति के काल में वैराग्यपना दिखाने से धर्म का संरक्षण नहीं हो सकता। – चारित्र चक्रवर्ती आचार्य शांतिसागरजी महाराज मुसलमानों ने गुजरात पर आक्रमण कर दिया था। वहां के सेनापति आबू व्रती श्रावक थे। युद्ध मैदान में प्रतिक्रमण (अपने दोषों की आलोचना, सब जीजा से क्षमा का वक्त होने
भारत की पहली स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जैन रानी अब्बक्का देवी !! India’s first freedom fighter Jain Queen Abbakka Devi.
भारत की पहली स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जैन रानी अब्बक्का देवी कर्नाटक के तटीय प्रान्तों में अब्बक्का के सम्बन्ध में अनेक लोकगीत और किंवदंतियाँ प्रसिद्ध हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी बच्चों को उनके साहस की कहानियाँ सुनाई जाती हैं। तटीय कर्नाटक के लोक थियेटर तथा यक्षगान शैली में भी रानी की कीर्ति गाई जाती है। अब्बक्का
अकबर पर जैनधर्म का प्रभाव !! Influence of Jainism on Akbar.
अकबर पर जैनधर्म का प्रभाव विश्व के सर्वकालीन महान् नरेशों में मुगल सम्राट् अकबर की गणना की जाती है। उसकी सफलता के कारणों में उसकी उदार नीति, न्याय-प्रियता, धार्मिक सहिष्णुता, वीरों और विद्वानों का समादर तथा स्वयं को भारतीय एवं भारतीयों का ही समझना सम्भवतया प्रमुख थे। अकबर के राज्यकाल में लगभग दो दर्जन जैन