
मुकुटसप्तमी व्रत कथा एवं व्रत विधि !! Mukutsaptami vrat katha evam vrat vidhi !!
मुकुटसप्तमी व्रत कथा एवं व्रत विधि !! Mukutsaptami vrat katha evam vrat vidhi !! मुकुटसप्तमी तु श्रावणशुक्लसप्तम्येव ग्राह्या, नान्या तस्याम् आदिनाथस्य वा पाश्र्वनाथस्य मुनिसुव्रतस्य च पूजां विधाय कण्ठे मालारोप:। शीर्षमुकुटश्च कथितभागमे। मुकुट सप्तमी व्रत अर्थ—श्रावणशुक्ला सप्तमी को ही मुकुट सप्तमी कहा जाता है, अन्य किसी महीने की सप्तमी का नाम मुकुट सप्तमी नहीं है। इसमें

पुष्पाञ्जलि व्रत विधि !! Pushpanjali vrat vidhi !!
पुष्पाञ्जलि व्रत विधि !! Pushpanjali vrat vidhi !! पुष्पाञ्जलिस्तु भाद्रपदशुक्लां पञ्चमीमारभ्य शुक्लानवमीपर्यन्तं यथाशक्ति पञ्चोपवासा: भवन्ति।। अर्थ-पुष्पांजलिव्रत भाद्रपद शुक्ला पंचमी से नवमी पर्यन्त किया जाता है। इसमें पाँच उपवास अपनी शक्ति के अनुसार किये जाते हैं। विवेचन भादों सुदी पंचमी से नवमी तक पाँच दिन पंचमेरु की स्थापना करके चौबीस तीर्थंकरों की पूजा करनी चाहिए। अभिषेक

चारित्रमाला व्रत विधि !! Charitramala vrat vidhi !!
चारित्रमाला व्रत विधि !! Charitramala vrat vidhi !! (शरदपूर्णिमा व्रत) (जैनेन्द्र व्रत कथा संग्रह मराठी पुस्तक के आधार से) आश्विन शुक्ला पूर्णिमा-शरद पूर्णिमा को उपवास करके यह व्रत किया जाता है। इस व्रत में पंचपरमेष्ठी की प्रतिमा का पंचामृत अभिषेक करें। पुन: अष्टदल कमल बनाकर उसके चारों तरफ चौकोन मंडल बनावें। आठ दिशा में आठ

श्रुतपंचमी व्रत विधि !! Srutapanchami vrat vidhi !!
श्रुतपंचमी व्रत विधि !! Srutapanchami vrat vidhi !! व्रतविधि ज्येष्ठ शु. एकम् से इस व्रत को ग्रहण करें, प्रात:काल शुद्ध वस्त्र पहनकर सामग्री लेकर जिनमंदिर में जावें। मंदिर की तीन प्रदक्षिणा देकर जिनेन्द्र भगवान को भक्तिपूर्वक नमस्कार करके पंचपरमेष्ठी भगवान एवं श्रुतस्कंध यंत्र का पंचामृत अभिषेक करें, पुन: अष्टद्रव्य से पंचपरमेष्ठी, द्वादशांग श्रुतदेवी एवं गणधर

नंदीश्वर पंक्ति व्रत विधि !! Nandishvar pankti vrat vidhi !!
नंदीश्वर पंक्ति व्रत विधि !! Nandishvar pankti vrat vidhi !! इस व्रत में ५६ उपवास और ५२ पारणाएं होती हैं तथा १०८ दिन में पूर्ण होता है। इसमें दधिमुख पर्वत संबंधी एक उपवास १ पारणा के क्रम से ४ उपवास ४ पारणा होने पर अंजनगिरि संबंधी बेला होता है। पुन: पारणा करके ८ रतिकर संबंधी

श्री आकाशपंचमी व्रत कथा एवं व्रत विधि !! Shri Aakashpanchami vrat katha evam vrat vidhi !!
श्री आकाशपंचमी व्रत कथा एवं व्रत विधि !! Shri Aakashpanchami vrat katha evam vrat vidhi !! आर्यखण्ड के सोरठ देश में तिलकपुर नाम का एक विशाल नगर था। वहाँ महीपाल नाम का राजा और विचक्षणा नामक रानी थी। उसी नगर में भद्रशाल नाम का व्यापारी रहता था उसकी नन्दा नाम की स्त्री से विशाला नाम

दशमी व्रत कथा एवं व्रत विधि !! Dashami vrat katha evam vrat vidhi !!
दशमी व्रत कथा एवं व्रत विधि !! Dashami vrat katha evam vrat vidhi !! ॐकार हृदयं धरूँ, सरस्वति को शिरनाय । अक्षयदशमी व्रत कथा, भाषा कहूँ बनाय ।।१।। इसी राजगृही नगर में मेघनाद नाम के राजा की रानी पृथ्वीदेवी अत्यन्त रूप और शीलवान थी, परन्तु कोई पूर्व पाप के उदय से पुत्रविहीन होने से सदा

एकावली व्रत विधि !! Ekavali vrat vidhi !!
एकावली व्रत विधि !! Ekavali vrat vidhi !! किंनाम एकावलीव्रतम्? कथं च विधीयते व्रतिकै:? अस्य किं फलम्? उच्यते-एकावल्यामुपवासा एकान्तरेण चतुरशीति: कार्या:, न तु तिथ्यादिनियम:। इदं स्वर्गापवर्गफलप्रदं भवति। इति निरवधिव्रतानि।। अर्थ एकावली व्रत क्या है? व्रती व्यक्तियों के द्वारा यह कैसे किया जाता है? इसका फल क्या है? आचार्य कहते हैं कि एकावली व्रत में एकान्तर

श्री चन्दनषष्ठी व्रत कथा एवं व्रत विधि !! Shri chandanshashthi vrat katha evam vrat vidhi !!
श्री चन्दनषष्ठी व्रत कथा एवं व्रत विधि !! Shri chandanshashthi vrat katha evam vrat vidhi !! देव नमूँ अरहन्त नित, वीतराग विज्ञान। चन्दनषष्ठी व्रत कथा, कहूँ स्वपर हित जान।। काशी देश में बनारस नाम का प्रसिद्ध नगर है। जिसको तेइसवें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ भगवान ने अपने जन्म धारण करने से पवित्र किया था। उसी नगर