bhavlingisant.com

Author name: Amritesh

बौद्ध साहित्य में दिगम्बर जैन मुनि !! Digambar Jain sage in Buddhist literature

बौद्ध साहित्य में दिगम्बर जैन मुनि ——————————————————– बौद्ध साहित्य में दिगम्बर मुनियों का वर्णन अनेकों स्थानों में मिलता है यथा “पाटिक पुत्र अचेलो” अर्थात् पाटिक पुत्र नामक साधु वत्र रहित अचेलक अर्थात् दिगम्बर जैन मुनि थे। चीनी त्रिपिटक नामक ग्रंथ में भी ‘अचेलक’ शब्द से दिगम्बर जैन मुनि/साधु ही उद्घोषित किया है। बौद्ध टीकाकार बुद्ध घोष भी- अचेलक शब्द […]

बौद्ध साहित्य में दिगम्बर जैन मुनि !! Digambar Jain sage in Buddhist literature Read More »

महात्मा बुद्ध पूर्व में दिगम्बर मुनि थे !! Mahatma Buddha was formerly Digambar Muni

महात्मा बुद्ध पूर्व में दिगम्बर मुनि थे ——————————————————————— भगवान महावीर स्वामी के समकालीन मगध के कपिलवस्तु नरेश शुद्धोधन का पुत्र गौतमबुद्ध नामक राजकुमार हुआ। जिसने वैदिक पशु यज्ञ के विरुद्ध अहिंसा के प्रचार की भावना से संसार से विरक्त होकर राजपाठ एवं लघु पुत्र तथा पत्नी का त्याग कर पलाश नगर में भगवान पार्श्वनाथ की

महात्मा बुद्ध पूर्व में दिगम्बर मुनि थे !! Mahatma Buddha was formerly Digambar Muni Read More »

वैदिक साहित्य में जैन-संस्कृति !! Jain culture in Vedic literature !!

वैदिक साहित्य में जैन-संस्कृति ———————————————————————————————————————— वैदिक साहित्य वेद, पुराण और स्मृतियों में जैन तीर्थंकरों के सन्दर्भ में विपुल सामग्री उपलब्ध है। उसमें से कुछेक तथ्यों का केवल जैन धर्म की प्राचीनता दिखाने के लिए यहाँ संकलन किया गया है। ऋग्वेद में ऋषभदेव को ज्ञान का भण्डार और कर्म शत्रुओं का विध्वंसक बताते हुए लिखा है-

वैदिक साहित्य में जैन-संस्कृति !! Jain culture in Vedic literature !! Read More »

Debate on Syadvada | स्यादवाद दोष परिहार

Debate on Syadvada | स्यादवाद दोष परिहार स्याद्गाद का क्‍या अर्थ है व उसका दर्शन के क्षेत्र में कितना महत्त्व है, यह दर्शाने के लिये इस पर आने वाले कुछ आरोपों का निराकरण (Debate on Syadvada) करना चाहते हैं। स्याद्वाद के वास्तविक अर्थ से अपरिचित बड़े-बड़े दार्शनिक भी मिथ्या आरोप लगाने से नहीं चूकते है।

Debate on Syadvada | स्यादवाद दोष परिहार Read More »

Ancient and modern philosophy prevalent in India!(भारत में प्रचलित प्राचीन एवं आधुनिक दर्शन)

भारत में प्रचलित प्राचीन एवं आधुनिक दर्शन ‘कर्मारातीन् जयतीति जिन:’ इस व्युत्पत्ति के अनुसार जिसने राग द्वेष आदि शत्रुओं को जीत लिया है वह ‘जिन’ है। अर्हत, अरिहंत, जिनेन्द्र, वीतराग, परमेष्ठी, आप्त आदि उसी के पर्यायवाची नाम हैं। उनके द्वारा उपदिष्ट दर्शन जैनदर्शन हैं। आचार का नाम धर्म है और विचार का नाम दर्शन है

Ancient and modern philosophy prevalent in India!(भारत में प्रचलित प्राचीन एवं आधुनिक दर्शन) Read More »

श्रावक की षट् आवश्यक क्रियायें !! Six essential activities of a Shravak!!

श्रावक की षट् आवश्यक क्रियायें !! Six essential activities of a Shravak!! ‘देव-पूजा, गुरु-पास्ति:, स्वाध्याय: संयमस्तप:। दानं चेति गृहस्थानां, षट्-कर्माणि दिने दिने।।’’ देव-पूजा, गुरु-उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप और दान गृहस्थों के प्रतिदिन के छ: कार्य हैं अर्थात् गृहस्थों को इन छ: कार्यों को प्रतिदिन अवश्य करना चाहिए। जो पुरुष देवपूजा, गुरु की उपासना, स्वाध्याय, संयम,

श्रावक की षट् आवश्यक क्रियायें !! Six essential activities of a Shravak!! Read More »

दक्षिणायन एवं उत्तरायण का क्रम !! Order of Dakshinayan and Uttarayan!!

दक्षिणायन एवं उत्तरायण का क्रम !! Order of Dakshinayan and Uttarayan!! जब सूर्य श्रावण कृष्णा १ के दिन प्रथम गली में रहता है तब दक्षिणायन होता है एवं उसी वर्ष माघ कृष्णा ७ को उत्तरायन है। तथैव दूसरी वर्ष— श्रावण कृष्णा १३ को दक्षिणायन एवं माघ शुक्ला ४ को उत्तरायन होता है। तीसरी वर्ष—श्रावण शुक्ला

दक्षिणायन एवं उत्तरायण का क्रम !! Order of Dakshinayan and Uttarayan!! Read More »

अनदेखा— सच !! unseen true!!

अनदेखा— सच !! Unseen true!! ऐसे रेस्टोरेंट्स के बारे में कुछ सच्चाई जहां मांसाहारी एवं शाकाहारी भोजन एक साथ बनाता है। यह मेरे निजी अनुभव के आधार पर लिखा गया है। नितिन सोनी मैंने पिछली एक साल ऐसे रेस्टोरेंट में प्रबंधन का कार्य संभाला , जहां पर शाकाहारी एवं मांसाहारी दोनों तरह का खाना बनता

अनदेखा— सच !! unseen true!! Read More »

कर्म और पुनर्जन्म की व्याख्या !! Karma and Reincarnation Explained!!

कर्म और पुनर्जन्म की व्याख्या !! Karma and Reincarnation Explained!! संसार का प्रत्येक प्राणी सुख की इच्छा करता है और दु:ख से डरता है, कर्म का आत्मा के साथ संयुक्त होने से ही आत्मा विभिन्न योनियों, ऊँची-नीची गतियों में भ्रमण करता रहता है। प्राणी जो कुछ भी कर्म करता है, उन कर्मों का फल उसे भोंगना

कर्म और पुनर्जन्म की व्याख्या !! Karma and Reincarnation Explained!! Read More »

अण्डाहार: धर्मग्रन्थ और विज्ञान !! Andhaar: Scripture and Science!!

अण्डाहार: धर्मग्रन्थ और विज्ञान !! Andhaar: Scripture and Science !! सारांश वैज्ञानिक दृष्टि से अण्डाहार के दुष्प्रभावों की विवेचना के उपरान्त यह प्रतिपादित किया गया है कि अण्डाहार को शाकाहार बताना महज एक दुष्प्रचार है। आलेख में विभिन्न धर्मो में अण्डाहार के निषेध के प्रमाण भी प्रस्तुत किये गये हैं अण्डों की अनुपयोगिता का वैज्ञानिक कारण सान्द्र प्रोटीन का शरीर के लिये

अण्डाहार: धर्मग्रन्थ और विज्ञान !! Andhaar: Scripture and Science!! Read More »

Scroll to Top