आपको लाज नहीं आती ? …. Aren’t you ashamed?
आपको लाज नहीं आती ? ——————————————————— पूज्यश्री 13 अप्रैल को दौसा नगर में थे, पुनः विहार। पहुँचे ग्राम पाड़ली। यह एन.एच. 76 पर है। ब्रह्मकुमारी आश्रम वाले कुछ बंधु दर्शन करने सामने आ गए। उनमें से एक मास्टर जी बोले- ‘आप पूर्ण वयस्क हैं, फिर भी नग्न रहते हैं, लाज नहीं आती ?’ आचार्यश्री को
आत्मा से मिल रहा हूँ !! meeting the soul.
आत्मा से मिल रहा हूँ ! ———————————————– प्रसंग पृथवीपुर का है, पूज्य आचार्य विमर्शसागर जी समयसार का स्वाध्याय कर रहे थे, तभी एक सज्जन फुर्ती दिखाते हुए आए, महाराज को नमन किया फिर बोले- महाराजश्री ! यहाँ तहसीलदार साहब आए हैं, आपसे मिलना चाहते हैं, फिर उन्हें दूर पर जाना है। आचार्यश्री ने कहा- अभी
प्रत्यय और उपसर्ग का खुलासा !! Suffix and prefix disclosure
प्रत्यय और उपसर्ग का खुलासा ———————————————————————— प्रसंग 11 जनवरी 2012 का है, पूज्यश्री प्राकृत भाषा की कक्षा ले रहे थे कुछ दिनों से। जब वे व्याकरण में प्रयोग किए जानेवाले प्रत्यय और उपसर्ग की उपयोगिता समझा रहे थे। तभी अचानक चिंतन में डूब गए। जब मिनिट- 2 मिनट का समय बीत गया तब सभी शिष्यों
छोटी बात-बड़ी शिक्षा !! small talk-big lesson.
छोटी बात-बड़ी शिक्षा —————————————————- आचार्यश्री ससंघ जब अशोकनगर की ओर बढ़ रहे थे तब गौघाट का एक प्रसंग सामने आता है। गुरुदेव बिहार करते हुए भी प्राकृत की कक्षा नित्य लिया करते थे जिसमें पूरा संघ उपस्थित रहता था और श्रावकगण भी। वहाँ विद्यालय में रुकना हुआ था। दीदीयों ने स्कूल की एक कक्षा से
चर्या से समझौता नहीं !! no compromise on rules
चर्या से समझौता नहीं ———————————————— प्रसंग गुरुदेव की मुनि अवस्था का है, मुनिवर ससंघ शिवपुरी मार्ग की ओर चल रहे थे, उनका पथ ही ऐसा है पथान्त पर ‘शिवपुरी’ ही मिलती है, किन्तु अभी अतिशय तीर्थक्षेत्र सेसई जी के दर्शनों की भावना थी। शिवपुरी के श्रावकों ने सेसई जी से 12 किमी. पहले ही एक
कमंडल विज्ञान !! kamandal science.
कमंडल विज्ञान प्रसंग रावतभाटा का है, एकदिन समय अधिक हो गया, केवल संजयशास्त्री ही कक्ष में थे। गुरुवर कमंडल लेकर शौच क्रिया को जाने लगे, तभी पं. संजयशास्त्री ने कहा- आज कोई नहीं है तो कमण्डल का सौभाग्य आप मुझे दे दीजिए। थोड़ा चलने के बाद गुरुवर ने मुस्कराते हुए कहा- ‘शास्त्रीजी ! कमंडलु की
अध्यात्म चिंतन के धनी गुरुवर !! Guruvar rich in spiritual contemplation
अध्यात्म चिंतन के धनी गुरुवर —————————————————————————- एक सुबह गुरुवर विमर्शसागरजी ससंघ जंगल गए थे। साथ में मुंगावली के कुछ ब्र. भैया भी थे। बिना ट्राली के ट्रेक्टर को तेज दौड़ते हुए देखकर गुरुवर ने मनोविनोद करते हुए बड़ी मार्मिक बात कही- “देखो-देखो ट्रेक्टर कितना तेज दौड़ रहा है।” सभी ने मिलकर कहा- ‘महाराज श्री इसमें
ज्ञानाभ्यास का अंतराय !! gap of learning
ज्ञानाभ्यास का अंतराय —————————————————- सतना में अक्सर सिद्धार्थ जी गुरुवर विमर्शसागर जी की सन्निधि में ग्रंथ ‘पंडित रतनचंद जी मुख्तार व्यक्तित्व-कृतित्व’ का स्वाध्याय करते थे तथा विभिन्न विषयों पर तत्व चर्चा भी। एक सुबह स्वाध्याय के समय अन्य नगर निवासी एक सज्जन स्फूर्ति से आए, गुरुवर के दर्शन किए और पादप्रच्छालन करने हाथ बढ़ाए, तभी
चींटियों की रक्षा का संकल्प !! Pledge to protect ants.
चींटियों की रक्षा का संकल्प !! —————————————————————– प्रसंग पूज्य गुरुदेव की मुनि अवस्था का है, दिगम्बर जैन साधक की मस्ती अनोखी ही हुआ करती है, एक आजाद पक्षी की तरह कभी किसी डगर तो कभी किसी दूसरी डगर। कोई पुण्यात्मा श्रावक साथ हुआ तो ठीक अन्यथा अपना पिच्छि-कमंडल तो साथ है ही, ऐसा ही एक