भोग में आकर्षण
भोग में आकर्षण आकर्षण का परिणाम दुःख है। चित्त में आकर्षित होने की विकृति है। आकर्षण के द्वार हमारी इन्दियाँ हैं। इन्द्रियों की खिड़कियों से मन झाँकता है। जिस वस्तु को भी चित्त देखता है, उसके प्रति आकर्षित हो जाता है। चित्त का वस्तु के प्रति आकर्षित होना राग है। वस्तु किसी को आकर्षित नहीं […]