विधि-

यह पंचकल्याणक व्रत एक वर्ष में करने से ९१ तिथियों में पूर्ण होगा एवं पाँच वर्ष में करने से प्रत्येक वर्ष में क्रम से गर्भकल्याणक की चौबीस तिथियाँ, जन्मकल्याणक की चौबीस तिथियाँ, दीक्षाकल्याणक की चौबीस तिथियाँ, केवलज्ञानकल्याणक की चौबीस तिथियाँ और निर्वाणकल्याणक की चौबीस तिथियाँ की जायेंगी।
इसमें भी पौषकृष्णा एकादशी को चन्द्रप्रभ एवं पाश्र्वनाथ के जन्मकल्याणक एक ही तिथि में होने से २३ तिथियाँ ही रहेंगी तथा दीक्षाकल्याणक में श्री चन्द्रप्रभ एवं पार्श्वनाथ की पौष कृष्णा एकादशी की एक ही तिथि होने से २३ तिथियाँ रहेंगी तथा ऐसे ही चैत्र कृष्णा अमावस्या को अनन्तनाथ एवं अरनाथ का निर्वाणकल्याणक होने से २३ ही तिथियाँ रहेंगी।
इस प्रकार तीन तिथियाँ कम हो जाने से ११७ दिन में यह व्रत पूर्ण होगा।
नोट-प्रत्येक व्रत के दिनों में उन-उन तीर्थंकरों की पूजा एवं उन तीर्थंकरों के कल्याणकों के मंत्र जपने चाहिए। पंचकल्याणक तिथि दर्पण में मगसिर शुक्ला ११-११ दो बार, फाल्गुन कृ. ७-७ दो बार, फाल्गुन कृ. ११-११ दो बार, चैत्र कृष्णा अमावस्या-अमावस्या दो बार आ गये हैं।
समुच्चय मंत्र-१. ॐ ह्रीं पंचकल्याणकप्राप्त श्रीचतुर्विंशतितीर्थंकरेभ्यो नम:।
अथवा
२. ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकराणां पंचकल्याणकेभ्यो नम:।

पंचकल्याणक तिथियों के पृथक्-पृथक् मंत्र-
आषाढ़ कृष्ण पक्ष
ॐ ह्रीं आषाढ़कृष्णाद्वितीयायां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री ऋषभदेवाय नम:।।१।।
ॐ ह्रीं आषाढ़कृष्णाषष्ठ्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री वासुपूज्य जिनेन्द्राय नम:।।२।।
ॐ ह्रीं आषाढ़कृष्णाष्टम्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री विमलनाथ जिनेन्द्राय नम:।।३।।
ॐ ह्रीं आषाढ़कृष्णादशम्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री नमिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।४।।
ॐ ह्रीं आषाढ़कृष्णादशम्यां तप:कल्याणक प्राप्ताय श्री नमिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।५।।
आषाढ़ शुक्ल पक्ष
ॐ ह्रीं आषाढ़शुक्लाषष्ठ्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री महावीर जिनेन्द्राय नम:।।६।।
ॐ ह्रीं आषाढ़शुक्लासप्तम्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री नेमिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।७।।
श्रावण कृष्ण पक्ष
ॐ ह्रीं श्रावणकृष्णाद्वितीयायां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनेन्द्राय नम:।।८।।
ॐ ह्रीं श्रावणकृष्णादशम्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री वुंâथुनाथ जिनेन्द्राय नम:।।९।।
श्रावण शुक्ल पक्ष
ॐ ह्रीं श्रावणशुक्लाद्वितीयायां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री सुमतिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१०।।
ॐ ह्रीं श्रावणशुक्लाषष्ठ्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री नेमिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।११।।
ॐ ह्रीं श्रावणशुक्लाषष्ठ्यां तप:कल्याणकप्राप्ताय श्री नेमिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१२।।
ॐ ह्रीं श्रावणशुक्लासप्तम्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री पार्श्वनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१३।।
ॐ ह्रीं श्रावणशुक्लापूर्णिमायां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री श्रेयांसनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१४।।
भाद्रपद कृष्ण पक्ष
ॐ ह्रीं भाद्रपदकृष्णासप्तम्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री शांतिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१५।।
भाद्रपद शुक्ल पक्ष
ॐ ह्रीं भाद्रपदशुक्लाषष्ठ्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री सुपाश्र्वनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१६।।
ॐ ह्रीं भाद्रपदशुक्लाष्टम्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री पुष्पदंतनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१७।।
ॐ ह्रीं भाद्रपदशुक्लाचतुर्दश्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री वासुपूज्य जिनेन्द्राय नम:।।१८।।
आश्विन कृष्ण पक्ष
ॐ ह्रीं आश्विनकृष्णाद्वितीयायां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री नमिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१९।।
आश्विन शुक्ल पक्ष
ॐ ह्रीं आश्विनशुक्लाप्रतिपदायां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री नेमिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।२०।।
ॐ ह्रीं आश्विनशुक्लाष्टम्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री शीतलनाथ जिनेन्द्राय नम:।।२१।।
कार्तिक कृष्ण पक्ष
ॐ ह्रीं कार्तिककृष्णाप्रतिपदि गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री अनंतनाथ जिनेन्द्राय नम:।।२२।।
ॐ ह्रीं कार्तिककृष्णाचतुथ्र्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री संभवनाथ जिनेन्द्राय नम:।।२३।।
ॐ ह्रीं कार्तिककृष्णात्रयोदश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री पद्मप्रभजिनेन्द्राय नम:।।२४।।
ॐ ह्रीं कार्तिककृष्णात्रयोदश्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री पद्मप्रभजिनेन्द्राय नम:।।२५।।
ॐ ह्रीं कार्तिककृष्णामावस्यायां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री महावीर जिनेन्द्राय नम:।।२६।।
कार्तिक शुक्ल पक्ष
ॐ ह्रीं कार्तिकशुक्लाद्वितीयायां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री पुष्पदन्तनाथ जिनेन्द्राय नम:।।२७।।
ॐ ह्रीं कार्तिकशुक्लाषष्ठ्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री नेमिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।२८।।
ॐ ह्रीं कार्तिकशुक्लाद्वादश्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री अरनाथ जिनेन्द्राय नम:।।२९।।
ॐ ह्रीं कार्तिकशुक्लापूर्णिमायां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री संभवनाथ जिनेन्द्राय नम:।।३०।।
मगसिर कृष्ण पक्ष
ॐ ह्रीं मार्गशीर्षकृष्णादशम्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री महावीर जिनेन्द्राय नम:।।३१।।
मगसिर शुक्ल पक्ष
ॐ ह्रीं मार्गशीर्षशुक्लाप्रतिपदायां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री पुष्पदंतनाथ जिनेन्द्राय नम:।।३२।।
ॐ ह्रीं मार्गशीर्षशुक्लाप्रतिपदायां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री पुष्पदंतनाथ जिनेन्द्राय नम:।।३३।।
ॐ ह्रीं मार्गशीर्षशुक्लादशम्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री अरनाथ जिनेन्द्राय नम:।।३४।।
ॐ ह्रीं मार्गशीर्षशुक्ला-एकादश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री मल्लिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।३५।।
ॐ ह्रीं मार्गशीर्षशुक्ला-एकादश्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री मल्लिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।३६।।
ॐ ह्रीं मार्गशीर्षशुक्ला-एकादश्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री नमिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।३७।।
ॐ ह्रीं मार्गशीर्षशुक्लाचतुर्दश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री अरनाथ जिनेन्द्राय नम:।।३८।।
ॐ ह्रीं मार्गशीर्षशुक्लापूर्णिमायां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री संभवनाथजिनेन्द्राय नम:।।३९।।
पौष कृष्ण पक्ष
ॐ ह्रीं पौषकृष्णद्वितीयायां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री मल्लिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।४०।।
ॐ ह्रीं पौषकृष्णैकादश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री चंद्रप्रभजिनेन्द्राय नम:।।४१।।
ॐ ह्रीं पौषकृष्णैकादश्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री चंद्रप्रभजिनेन्द्राय नम:।।४२।।
ॐ ह्रीं पौषकृष्णा-एकादश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री पार्श्वनाथ जिनेन्द्राय नम:।।४३।।
ॐ ह्रीं पौषकृष्णा-एकादश्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री पार्श्वनाथ जिनेन्द्राय नम:।।४४।।
ॐ ह्रीं पौषकृष्णाचतुर्दश्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री शीतलनाथ जिनेन्द्राय नम:।।४५।।
पौष शुक्ल पक्ष
ॐ ह्रीं पौषशुक्लादशम्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री शांतिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।४६।।
ॐ ह्रीं पौषशुक्ला-एकादश्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री अजितनाथ जिनेन्द्राय नम:।।४७।।
ॐ ह्रीं पौषशुक्लाचतुर्दश्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री अभिनंदननाथ जिनेन्द्राय नम:।।४८।।
ॐ ह्रीं पौषशुक्लापूर्णिमायां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री धर्मनाथ जिनेन्द्राय नम:।।४९।।
माघ कृष्ण पक्ष
ॐ ह्रीं माघकृष्णाषष्ठ्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री पद्मप्रभजिनेन्द्राय नम:।।५०।।
ॐ ह्रीं माघकृष्णाद्वादश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री शीतलनाथ जिनेन्द्राय नम:।।५१।।
ॐ ह्रीं माघकृष्णाद्वादश्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री शीतलनाथ जिनेन्द्राय नम:।।५२।।
ॐ ह्रीं माघकृष्णाचतुर्दश्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री ऋषभदेवाय नम:।।५३।।
ॐ ह्रीं माघकृष्णामावस्यायां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री श्रेयांसनाथ जिनेन्द्राय नम:।।५४।।
माघ शुक्ल पक्ष
ॐ ह्रीं माघशुक्लाद्वितीयायां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री वासुपूज्य जिनेन्द्राय नम:।।५५।।
ॐ ह्रीं माघशुक्लाचतुथ्र्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री विमलनाथ जिनेन्द्राय नम:।।५६।।
ॐ ह्रीं माघशुक्लाचतुथ्र्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री विमलनाथ जिनेन्द्राय नम:।।५७।।
ॐ ह्रीं माघशुक्लाषष्ठ्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री विमलनाथ जिनेन्द्राय नम:।।५८।।
ॐ ह्रीं माघशुक्लानवम्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री अजितनाथ जिनेन्द्राय नम:।।५९।।
ॐ ह्रीं माघशुक्लादशम्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री अजितनाथ जिनेन्द्राय नम:।।६०।।
ॐ ह्रीं माघशुक्लाद्वादश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री अभिनंदनाथ जिनेन्द्राय नम:।।६१।।
ॐ ह्रीं माघशुक्लाद्वादश्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री अभिनंदननाथ जिनेन्द्राय नम:।।६२।।
ॐ ह्रीं माघशुक्लात्रयोदश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री धर्मनाथ जिनेन्द्राय नम:।।६३।।
ॐ ह्रीं माघशुक्लात्रयोदश्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री धर्मनाथ जिनेन्द्राय नम:।।६४।।
फाल्गुन कृष्ण पक्ष
ॐ ह्रीं फाल्गुनकृष्णातृतीयायां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री अरनाथ जिनेन्द्राय नम:।।६५।।
ॐ ह्रीं फाल्गुनकृष्णाचतुथ्र्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री पद्मप्रभजिनेन्द्राय नम:।।६६।।
ॐ ह्रीं फाल्गुनकृष्णाषष्ठ्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री सुपार्श्वनाथ जिनेन्द्राय नम:॥६७॥
ॐ ह्रीं फाल्गुनकृष्णासप्तम्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री सुपार्श्वनाथ जिनेन्द्राय नम:।।६८।।
ॐ ह्रीं फाल्गुनकृष्णासप्तम्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री चन्द्रप्रभजिनेन्द्राय नम:।।६९।।
ॐ ह्रीं फाल्गुनकृष्णानवम्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री पुष्पदंतनाथ जिनेन्द्राय नम:।।७०।।
ॐ ह्रीं फाल्गुनकृष्णाएकादश्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री ऋषभदेव जिनेन्द्राय नम:।।७१।।
ॐ ह्रीं फाल्गुनकृष्णाएकादश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री श्रेयांसनाथ जिनेन्द्राय नम:।।७२।।
ॐ ह्रीं फाल्गुनकृष्णाएकादश्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री श्रेयांसनाथ जिनेन्द्राय नम:।।७३।।
ॐ ह्रीं फाल्गुनकृष्णाद्वादश्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनेन्द्राय नम:।।७४।।
ॐ ह्रीं फाल्गुनकृष्णाचर्तुदश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री वासुपूज्य जिनेन्द्राय नम:।।७५।।
ॐ ह्रीं फाल्गुनकृष्णाचतुर्दश्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री वासुपूज्य जिनेन्द्राय नम:।।७६।।
फाल्गुन शुक्ल पक्ष
ॐ ह्रीं फाल्गुनशुक्लापंचम्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री मल्लिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।७७।।
ॐ ह्रीं फाल्गुनशुक्लासप्तम्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री चन्द्रप्रभजिनेन्द्राय नम:।।७८।।
ॐ ह्रीं फाल्गुनशुक्लाष्टम्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री संभवनाथ जिनेन्द्राय नम:।।७९।।
चैत्र कृष्ण पक्ष
ॐ ह्रीं चैत्रकृष्णापंचम्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री चन्द्रप्रभ जिनेन्द्राय नम:।।८०।।
ॐ ह्रीं चैत्रकृष्णाष्टम्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री शीतलनाथ जिनेन्द्राय नम:।।८१।।
ॐ ह्रीं चैत्रकृष्णानवम्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री ऋषभदेव जिनेन्द्राय नम:।।८२।।
ॐ ह्रीं चैत्रकृष्णानवम्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री ऋषभदेव जिनेन्द्राय नम:।।८३।।
ॐ ह्रीं चैत्रकृष्णाचतुर्दश्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री पार्श्वनाथ जिनेन्द्राय नम:।।८४।।
अथवा
ॐ ह्रीं चैत्रकृष्णाचतुथ्र्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री पार्श्वनाथ जिनेन्द्राय नम:।।८४।।
ॐ ह्रीं चैत्रकृष्णामावस्यायां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री अनन्तनाथ जिनेन्द्राय नम:।।८५।।
ॐ ह्रीं चैत्रकृष्णामावस्यायां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री अनंतनाथ जिनेन्द्राय नम:।।८६।।
ॐ ह्रीं चैत्रकृष्णामावस्यायां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री अरनाथ जिनेन्द्राय नम:।।८७।।
चैत्र शुक्ल पक्ष
ॐ ह्रीं चैत्रशुक्लाप्रतिपदायां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री मल्लिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।८८।।
ॐ ह्रीं चैत्रशुक्लातृतीयायां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री कुंथुनाथ जिनेन्द्राय नम:।।८९।।
ॐ ह्रीं चैत्रशुक्लापंचम्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री अजितनाथ जिनेन्द्राय नम:।।९०।।
ॐ ह्रीं चैत्रशुक्लाषष्ठ्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री संभवनाथ जिनेन्द्राय नम:।।९१।।
ॐ ह्रीं चैत्रशुक्लाएकादश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री सुमतिनाथजिनेन्द्राय नम:।।९२।।
ॐ ह्रीं चैत्रशुक्ला-एकादश्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री सुमतिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।९३।।
ॐ ह्रीं चैत्रशुक्ला-एकादश्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री सुमतिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।९४।।
ॐ ह्रीं चैत्रशुक्लात्रयोदश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री महावीर जिनेन्द्राय नम:।।९५।।
ॐ ह्रीं चैत्रशुक्लापूर्णिमायां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री पद्मप्रभ जिनेन्द्राय नम:।।९६।।
वैशाख कृष्ण पक्ष
ॐ ह्रीं वैशाखकृष्णाद्वितीयायां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्रीपार्श्वनाथ जिनेन्द्राय नम:।।९७।।
ॐ ह्रीं वैशाखकृष्णानवम्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनेन्द्राय नम:।।९८।।
ॐ ह्रीं वैशाखकृष्णादशम्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनेन्द्राय नम:।।९९।।
ॐ ह्रीं वैशाखकृष्णाद्वादश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१००।।
ॐ ह्रीं वैशाखकृष्णाचतुर्दश्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री नमिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१०१।।
वैशाख शुक्ल पक्ष
ॐ ह्रीं वैशाखशुक्लाप्रतिपदायां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री कुन्थुनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१०२।।
ॐ ह्रीं वैशाखशुक्लाप्रतिपदायां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री कुन्थुनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१०३।।
ॐ ह्रीं वैशाखशुक्लाप्रतिपदायां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री कुन्थुनाथजिनेन्द्राय नम:।।१०४।।
ॐ ह्रीं वैशाखशुक्लाषष्ठ्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री अभिनंदननाथ जिनेन्द्राय नम:।।१०५।।
ॐ ह्रीं वैशाखशुक्लाषष्ठ्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री अभिनंदननाथ जिनेन्द्राय नम:।।१०६।।
ॐ ह्रीं वैशाखशुक्लानवम्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री सुमतिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१०७।।
ॐ ह्रीं वैशाखशुक्लादशम्यां केवलज्ञानकल्याणकप्राप्ताय श्री महावीर जिनेन्द्राय नम:।।१०८।।
ॐ ह्रीं वैशाखशुक्लात्रयोदश्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री धर्मनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१०९।।
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष
ॐ ह्रीं ज्येष्ठकृष्णाषष्ठ्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री श्रेयांसनाथ जिनेन्द्राय नम:।।११०।।
ॐ ह्रीं ज्येष्ठकृष्णादशम्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री विमलनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१११।।
ॐ ह्रीं ज्येष्ठकृष्णाद्वादश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री अनन्तनाथ जिनेन्द्राय नम:।।११२।।
ॐ ह्रीं ज्येष्ठकृष्णाद्वादश्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री अनंतनाथ जिनेन्द्राय नम:।।११३।।
ॐ ह्रीं ज्येष्ठकृष्णाचतुर्दश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री शांतिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।११४।।
ॐ ह्रीं ज्येष्ठकृष्णाचतुर्दश्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री शांतिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।११५।।
ॐ ह्रीं ज्येष्ठकृष्णाचतुर्दश्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री शांतिनाथ जिनेन्द्राय नम:।।११६।।
ॐ ह्रीं ज्येष्ठकृष्णा-अमावस्यां गर्भकल्याणकप्राप्ताय श्री अजितनाथ जिनेन्द्राय नम:।।११७।।
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष
ॐ ह्रीं ज्येष्ठशुक्लाचतुथ्र्यां निर्वाणकल्याणकप्राप्ताय श्री धर्मनाथ जिनेन्द्राय नम:।।११८।।
ॐ ह्रीं ज्येष्ठशुक्लाद्वादश्यां जन्मकल्याणकप्राप्ताय श्री सुपार्श्वनाथ जिनेन्द्राय नम:।।११९।।
ॐ ह्रीं ज्येष्ठशुक्लाद्वादश्यां दीक्षाकल्याणकप्राप्ताय श्री सुपार्श्वनाथ जिनेन्द्राय नम:।।१२०।।