आइए जानें तांबे का लोटा, बर्तन में पानी पीने के फायदे क्या हैं और ये पानी किन रोगों में फायदेमंद है। आजकल तांबे की बोतल, गिलास, जग, लोटा का उपयोग सेहत के प्रति जागरूक लोग खूब कर रहे हैं। भारत में हमेशा से तांबा पानी पीने के बर्तन बनाने में प्रयोग किया जाता रहा है। 

तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे, गुण – Benefits of Copper water in hindi

  1. यह हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता और पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
  2. वजन कम करने में मदद करता है।
  3. स्किन में चमक लाता है और दाग-धब्बे कम हटाता है।
  4. खून की कमी (anemia) दूर करता है।
  5. घावों को जल्दी भरता है।
  6. बुढ़ापे की दर को कम करता है।
  7. हमारे हृदय (cardiovascular) को मजबूत करता है और हाइपरटेंशन (hypertension) में लाभदायक है।
  8. कैंसर होने की संभावना कम करता है।
  9. बैक्टीरिया को मारता है।
  10. दिमाग को तेज करता है।
  11. थायराइड ग्लैन्ड को कंट्रोल में रखता है।
  12. गठिया (Arthritis) और जोड़ों की सूजन कम करता है।
  13. कोलेस्ट्रोल कम करता है।
  14. लीवर, स्प्लीन और लिंफ सिस्टम (Lymph system) के लिए टॉनिक का काम करता है।
  15. शरीर को लौह तत्व (Iron) एब्सॉर्ब करने में मददगार है।
  16. किडनियों को साफ करता है।

तांबे के बर्तन के फायदे – Tambe ke bartan ke fayde in hindi

भारत में प्राचीन समय से ही बर्तनों को उनके कार्य और उपयोग के हिसाब से अलग अलग धातुओं से बनाया जाता था क्योकि कुछ धातुओं के बर्तन उनमे रखे जाने वाले भोजन से (Chemical reaction) रासायनिक प्रतिक्रिया करने लगते थे। इसलिए इस बात का ध्यान रखा जाता था कि बर्तनों को धातु के गुण के हिसाब से सही उपयोग में ही लाया जाये।

1) अगर तांबे के बरतन में रखा पानी कुछ अशुद्ध है तो कुछ ही घंटो में पानी शुद्ध हो जाता है। तांबा के बर्तन (Copper utensils) में रखा पानी रासायनिक प्रतिक्रिया करके जीवाणुनाशक बन जाता है। यह ताम्बे का पानी स्वास्थ्य के अत्यंत लाभकारी होता है।  यह पानी रक्त को शुद्ध करता है, पाचन तंत्र मजबूत करता है।

2) तांबे के बर्तन रखे पानी (Copper water) में जीवाणुरोधी (antimicrobial), एंटीऑक्सीडेट (antioxidant), कैंसररोधी (anti-cancer) और एंटीइन्फ्लेमेटरी (anti-inflammatory) गुण आ जाते हैं।

3) वर्ष 2012 में हुई एक स्टडी में पता चला था कि सामान्य तापमान पर तांबे के बर्तन में 16 घंटे तक रखने पर दूषित (contaminated) पानी में मौजूद हानिकारक जीवाणुओं की संख्या में कमी आ गई थी।

वैज्ञानिको ने प्रयोग के तौर पर ऐसे पानी को लिया कि जिसमे पेट के पेचिश रोग को पैदा करने वाले वायरस, अमीबा ई-कोली थे। कुछ घंटो के पर्यवेक्षण के बाद वैज्ञानिको ने देखा कि हानिकारक बैक्टीरिया पूरी तरह से समाप्त हो चुके थे।

4) भारत में तो लोग सदियों से इस बात को जानते हैं कि (Copper ware) तांबे के लोटा में रखे पानी में औषधीय गुण आ जाते हैं।

5) एक रिसर्च में पता चला कि अस्पतालों में तांबे की सतहों की मौजूदगी से ICU में पाए जानेवाले 97 प्रतिशत बैक्टीरिया नष्ट हो गए, जिनसे होनेवाले इन्फेक्शंस में 40 प्रतिशत की कमी आई।

इन्ही खूबियों को जानकर पहले समय के लोग तांबे के पात्र पानी रखने और पीने के काम लेते थे। तांबे का लोटा सूर्य भगवान को जल देने में प्रयोग किया जाता रहा है।

6) भारतीय योगी सद्गुरु जग्गी वासुदेव कहते हैं – तांबे के पात्र में रात भर या कम से कम 4 घंटे तक रखे गए पानी में तांबा धातु के वे गुण आ जाते हैं जिनसे शरीर, विशेषकर हमारे लीवर को बहुत लाभ पहुंचता है। यह शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान रखता है।

– हमें ऐसे लगता है कि बड़े बड़े अमीर लोग, हीरो-हिरोइन वगैरह किसी दूसरी दुनिया के बने खान-पान का प्रयोग करते हैं, ऐसा बिलकुल भी नहीं है। एक इंटरव्यू में करीना कपूर, मलाइका अरोरा ने बताया कि सुबह उठने पर सबसे पहले वो रात भर तांबे के जग में रखा हुआ पानी (Copper water) पीते है।