चौबीस तीर्थंकर व्रत


व्रत के दिन २४ तीर्थंकर प्रतिमा का पंचामृत अभिषेक एवं पूजन करें। व्रत की उत्तम विधि उपवास, मध्यम विधि अल्पाहार एवं जघन्य विधि एकाशन है। इसमें २४ व्रत करना है। व्रत के दिन प्रत्येक तीर्थंकर की एक-एक जाप्य एवं एक समुच्चय जाप्य करना है। व्रत में तिथि का कोई बंधन नहीं है, एक महीने में एक व्रत अवश्य करें। व्रत के उद्यापन में ‘चौबीस तीर्थंकर विधान’ करें। २४-२४ उपकरण मंदिर जी में भेंट करें। चौबीसी प्रतिमा बनवाएँ अथवा २४ तीर्थंकर से संबंधित कोई शास्त्र प्रकाशित करवाकर वितरित करें।
व्रत की समुच्चय जाप्य-ॐ ह्रीं अर्हं श्री चतुर्विंशतितीर्थंकरेभ्यो नम:।
प्रत्येक व्रत के पृथक्-पृथक् मंत्र-
१. ॐ ह्रीं अर्हं श्री ऋषभदेवतीर्थंकराय नम:।
२. ॐ ह्रीं अर्हं श्री अजितनाथतीर्थंकराय नम:।
३. ॐ ह्रीं अर्हं श्री संभवनाथतीर्थंकराय नम:।
४. ॐ ह्रीं अर्हं श्री अभिनंदननाथतीर्थंकराय नम:।
५. ॐ ह्रीं अर्हं श्री सुमतिनाथतीर्थंकराय नम:।
६. ॐ ह्रीं अर्हं श्री पद्मप्रभुतीर्थंकराय नम:।
७. ॐ ह्रीं अर्हं श्री सुपाश्र्वनाथतीर्थंकराय नम:।
८. ॐ ह्रीं अर्हं श्री चन्द्रप्रभतीर्थंकराय नम:।
९. ॐ ह्रीं अर्हं श्री पुष्पदंततीर्थंकराय नम:।
१०. ॐ ह्रीं अर्हं श्री शीतलनाथतीर्थंकराय नम:।
११. ॐ ह्रीं अर्हं श्री श्रेयांसनाथतीर्थंकराय नम:।
१२. ॐ ह्रीं अर्हं श्री वासुपूज्यतीर्थंकराय नम:।
१३. ॐ ह्रीं अर्हं श्री विमलनाथतीर्थंकराय नम:।
१४. ॐ ह्रीं अर्हं श्री अनन्तनाथतीर्थंकराय नम:।
१५. ॐ ह्रीं अर्हं श्री धर्मनाथतीर्थंकराय नम:।
१६. ॐ ह्रीं अर्हं श्री शान्तिनाथतीर्थंकराय नम:।
१७. ॐ ह्रीं अर्हं श्री वुंâथुनाथतीर्थंकराय नम:।
१८. ॐ ह्रीं अर्हं श्री अरहनाथतीर्थंकराय नम:।
१९. ॐ ह्रीं अर्हं श्री मल्लिनाथतीर्थंकराय नम:।
२०. ॐ ह्रीं अर्हं श्री मुनिसुव्रतनाथतीर्थंकराय नम:।
२१. ॐ ह्रीं अर्हं श्री नमिनाथतीर्थंकराय नम:।
२२. ॐ ह्रीं अर्हं श्री नेमिनाथतीर्थंकराय नम:।
२३. ॐ ह्रीं अर्हं श्री पार्श्वनाथतीर्थंकराय नम:।
२४. ॐ ह्रीं अर्हं श्री महावीरतीर्थंकराय नम:।