कल्याण मंदिर व्रत विधि


कल्याण मंदिर स्तोत्र भगवान पार्श्वनाथ का स्तोत्र है। इसमें भी आदि में कल्याणमंदिरमुदारमवद्य ‘कल्याण मंदिर’ पद आ जाने से इसका कल्याणमंदिर स्तोत्र यह सार्थक नाम हो गया है। इसमें ४४ काव्य हैं अत: ४४ व्रत किये जाते हैं। व्रत के दिन श्री पार्श्वनाथ का अभिषेक करके कल्याण मंदिर यंत्र का भी अभिषेक करें और कल्याण मंदिर की पूजा या श्री पार्श्वनाथ की पूजा करें।

इसकी समुच्चय जाप्य निम्न प्रकार है-

ॐ ह्रीं कमठोपसर्गजिताय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
प्रत्येक ४४ मंत्र – (एक-एक व्रत के दिन क्रम से १-१ मंत्र की माला फेरें।)
१.ॐ ह्रीं भवसमुद्रतरणे पोतायमानकल्याणमंदिरस्वरूपाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
२.ॐ ह्रीं कमठस्य धूमकेतूपमाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
३.ॐ ह्रीं त्रैलोक्यधीशाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
४.ॐ ह्रीं सर्वपीड़ानिवारकाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
५.ॐ ह्रीं सुखविधायकाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
६. ॐ ह्रीं अव्यक्तगुणाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
७.ॐ ह्रीं भवाटवीनिवारकाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
८.ॐ ह्रीं कर्माहिबन्धमोचनाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
९.ॐ ह्रीं सर्वोपद्रवहरणाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
१०.ॐ ह्रीं भवोदधितारकाय श्री पार्श्वनाथाय नमः।
११.ॐ ह्रीं हुतभुग्भयनिवारकाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
१२.ॐ ह्रीं हृदयधार्यमाणभव्यगणतारकाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
१३.ॐ ह्रीं कर्मचौरविध्वंसकाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
१४.ॐ ह्रीं हृदयाम्बुजान्वेषिताय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
१५.ॐ ह्रीं जन्ममरणरोगहराय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
१६.ॐ ह्रीं विग्रहनिवारकाय श्री पार्श्वनाथाय नम:। १७.ॐ ह्रीं आत्मस्वरूपध्येयाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
१८.ॐ ह्रीं परवादिदेवस्वरूपध्येयाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
१९.ॐ ह्रीं अशोकप्रातिहार्योपशोभिताय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
२०.ॐ ह्रीं पुष्पवृष्टिप्रातिहार्योपशोभिताय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
२१.ॐ ह्रीं अजरामरदिव्यध्वनिप्रातिहार्योपशोभिताय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
२२.ॐ ह्रीं चामरप्रातिहार्योपशोभिताय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
२३.ॐ ह्रीं सिंहासनप्रातिहार्योपशोभिताय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
२४.ॐ ह्रीं भामण्डलप्रातिहार्यप्रभास्वते श्री पार्श्वनाथाय नम:।
२५.ॐ ह्रीं दुन्दुभिप्रातिहार्योपशोभिताय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
२६.ॐ ह्रीं छत्रत्रयप्रातिहार्यविराजिताय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
२७.ॐ ह्रीं वप्रत्रयविराजिताय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
२८.ॐ ह्रीं पुष्पमालानिषेवितचरणाम्बुजाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
२९.ॐ ह्रीं श्री संसारसागरतारकाय पार्श्वनाथाय नम:।
३०.ॐ ह्रीं अद्भुतगुणविराजितरूपाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
३१.ॐ ह्रीं श्री रजोवृष्ट्यक्षोभ्याय पार्श्वनाथाय नम:।
३२.ॐ ह्रीं कमठदैत्यमुक्तवारिधाराक्षोभ्याय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
३३.ॐ ह्रीं कमठदैत्यप्रेषितभूतपिशाचाद्यक्षोभ्याय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
३४.ॐ ह्रीं त्रिकालपूजनीयाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
३५.ॐ ह्रीं आपन्निवारकाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
३६.ॐ ह्रीं सर्वपराभवहरणाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
३७.ॐ ह्रीं सर्वमनर्थमथनाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
३८.ॐ ह्रीं सर्वदु:खहराय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
३९.ॐ ह्रीं जगज्जीवदयालवे श्री पार्श्वनाथाय नम:।
४०.ॐ ह्रीं सर्वशांतिकराय श्रीजिनचरणाम्बुजाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
४१.ॐ ह्रीं जगन्नायकाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
४२.ॐ ह्रीं अशरणशरणाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
४३.ॐ ह्रीं चित्तसमाधि सुसेविताय श्री पार्श्वनाथाय नम:।
४४.ॐ ह्रीं परमशांतिविधायकाय श्री पार्श्वनाथाय नम:।