सुप्रभातम्
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सुप्रभातं, सुप्रभातं हो मेरा-2
प्रभु दरश से सुप्रभातं हो मेरा।
गुरु दरश से सुप्रभातं हो मेरा। सुप्रभातं…
मैं भटकता ही रहा दर-दर प्रभो।
याद न आई तेरी क्षण भर प्रभो ।।
तू मेरी मंजिल तू ही साथी मेरा-2। प्रभु दरश से…
वीतरागी आप हो सर्वज्ञ हो।
हैं प्रफुल्लित देखकर नैना अहो ।।
हे हितुपदेशी तू ही भगवन् मेरा-2। प्रभु दरश से…
क्या करूँ अर्पण चरण में भाव से ।
लाया भक्ति पुष्प दिल से चाव से ।।
हर जनम चरणों में है अर्पित मेरा 2। प्रभु दरश से…
झूठ परनिंदा न हो मुख से कभी।
हो सदा गुणगान गुणिजन का सभी ।।
प्रेम का व्यवहार हो सबसे मेरा-2। प्रभु दरश से…
त्याग दूँ दुर्भावना अभिमान की।
गुरु जिनागम पंथ की करूँ आरती ।।
हो सदा भक्ति से मन निर्मल मेरा-2। प्रभु दरश से…
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