Posted On: 14-October-2022
इस दुनियाँ में दो प्रकार के लोग होते हैं कुछ लोग सत्य को अपने अनुसार चलाना चाहते हैं। सत्य को गुलाम और स्वयं को मालिक बनाना चाहते हैं। जबकि सत्य को मालिक बनाकर ही स्वयं को मालिक बनाया जा सकता है। कुछ लोग सत्य के अनुसार चलना चाहते हैं। सत्य जहाँ ले जाये वहाँ जाने को राजी होते हैं। सत्य के प्रति यह समर्पण ही परम सत्य को निमंत्रण है। सत्य के अनुसार चलने वाले ही निर्वाण को प्राप्त होते हैं। सत्य को अपने अनुसार चलाने वाले अपने को वकील बना रहे हैं। वकील की शरण में जो भी पहुँचता है, वकील उसे आश्वस्त करता है, कि तुम्हें जिताऊँगा। वकील सत्य की काँट-छाँट करता है। अपने शरणागत के पक्ष में कानून को खड़ा करता है। ऐसा ज्ञान सत्य के अनुसार नहीं अपितु सत्य को अपने अनुसार चलाता है। यह ज्ञान आत्मा के पतन का कारण है। आत्मोन्नति के लिये सत्य को अपना साथी बनाना होगा।
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